जवान दिखते रहना चाहते हैं तो ऐलोवेरा का करें सेवन
आमतौर पर लोग अपने घरों में ऐलोवेरा का पौधा लगाना पसंद करते हैं लेकिन इसके सेहत संबंधी गुणों के बारे में पता नहीं होने के कारण इस पौधे का उस तरह प्रयोग नहीं हो पाता जैसे होना चाहिए। यह एक ऐसा पौधा है जिसे उगने के लिए ज्यादा धूप या पानी की आवश्यकता नहीं होती। यह पौधा ही आपकी कई स्किन और सेहत संबंधी परेशानियों को दूर करने में आपकी मदद कर सकता है। ऐलोवेरा पौधे में सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा उसकी पत्तियां होती हैं जिसमें जेल जैसी चीज़ पाई जाती है जिसका प्रयोग उसी रूप में या फिर जूस बनाकर किया जाता है। अगर आप अपनी ब्यूटी को और निखारना चाहते हैं तो ऐलोवेरा जैल से आप अपनी स्किन को सिर से लेकर पैर तक निखार सकते हैं और ये जैल हर तरह की स्किन टाईप के लिए फायदेमंद माना गया है।
चलिए आज़ आपको बताते हैं इससे होने वाले फायदों के बारे में-
शरीर के सही विकास के लिए इक्कीस अमिनो एसिड की जरूरत होती है जिसमें से अठारह ऐलोवेरा में पाये जाते हैं। साथ ही अन्य पोषक तत्व जैसे कि आयरन, मैगनीज़, कैल्सियम और सोडियम भी इसमें हैं। संभव हो तो प्रतिदिन ऐलोवेरा जूस का सेवन करना चाहिए। अगर आप गैस की समस्या से परेशान हैं तो ऐलोवेरा जूस में नींबू का रस लेने ये बंद हो जाएगी और साथ ही आपकी पाचन शक्ति भी अच्छी होता जाएगी। कब्ज़ की समस्या में खासकर ऐलोवेरा जूस से बहुत राहत मिलती है।
आजकल प्रदूषण बहुत बढ़ रहा है ऐसे में बच्चा हो या बड़ा, सबकी ही रोग प्रतिरोधक क्षमता जिसे कि हम इम्यूनीटी कहते हैं, कम होती जा रही है। ऐसे में ऐलोवेरा जूस आपके शरीर को एक्टिव बनाये रखता है और सर्दी जुकाम जैसी बीमारियों से बचाये रखता है। ये हमारे दिल का ख्याल रखते हुए कोलेस्ट्राल को बढ़ने से रोकता है। आर्थराइटिस या गठिया में होने वाले जोड़ों के दर्द को कम करने में भी ऐलोवेरा सहायक हो सकता है इसके लिए आप चाहें तो ऐलोवेरा की पत्तियों पर हल्दी लगाकर सीधे ही दर्द वाली जगह पर लगा सकते हैं या फिर चाहें तो रोज़ ऐलोवेरा जूस का सेवन भी कर सकते हैं। दोनों तरह से ही ये जोड़ों के दर्द को कम करता है। अगर कोई जख्म हो गया हो या कहीं कट छिल गया हो ऐलोवेरा जैल लगाने से वह जल्दी ही सही हो जाता है तथा घाव भी भर जाता है।
फोड़े फुंसी होने पर ऐलोवेरा जैल में हल्दी मिलाकर लगा लें फिर पट्टी कर लें। थोड़ी देर में अपने आप ही मवाद भी निकाल जाएगा और कोई निशान भी नहीं रहेगा। जो लोग डायबिटीज़ की समस्या से पीड़ित हैं या फिर जिनकी अभी पहली ही स्टेज़ ही उन्हें ऐलोवेरा जूस में करेला का रस मिलाकर पीना चाहिए। ऐलो वेरा का जैल हमारी स्किन के लिए के एंटी एजिंग जैल की तरह काम करता है और रिंकल एवम फाईन लाइनों को कम करता है लेकिन शुरू से ही से इस जैल को लगाने की आदत डाली जाए तो ज्यादा समय के लिए आप जवान दिख सकते हैं। बालों के लिए भी ऐलोवेरा का जैल काफी फायदेमंद रहता है जोकि बालों के लिए एक नेचुरल कंडीशनर का काम करता है।
बालों की जड़ों में ये जैल लगाने से बाल मज़बूत होते हैं और अगर बालों में रूसी हो गई है तो उससे भी छुटकारा मिलता है। यह जैल धूप से होने वाले सनर्बन से बचाता है और सनस्क्रीन की तरह काम करता है आप चाहें तो धूप में निकलने से पहले इस जैल को अपने शरीर पर लगा सकते हैं। ऐलोवेरा जूस खून को साफ करता है और हीमोग्लबिन की कमी को पूरा करता है। ड्राई स्किन के लिए ये जैल मॉशचराइज़र का काम करता है। अगर चेहरे पर मुहांसा हो गया हो तो भी ये जैल लगाकर उसे दूर किया जा सकता है। हमारी कोहनियों और घुटनों पर गंदगी जमा होने के कारण ये हिस्से काले नज़र आते हैं लेकिन ऐलोवेरा जैल में नारियल का तेल मिलाकर लगाने से धीरे धीरे ये कालापन दूर होता जाता है। चेहरे पर इंस्टेट ग्लो लाने के लिए ऐलोवेरा जैल में नींबू का रस 15 मिनट लगाए रखें और फिर धो दें रोज़ ऐसा करने से आप खुद ही फर्क देखना शुरू कर देंगे। त्वचा संबंधी रोगों को ठीक करने में भी ये जैल मदद करता है।
चलिए आज़ आपको बताते हैं इससे होने वाले फायदों के बारे में-
शरीर के सही विकास के लिए इक्कीस अमिनो एसिड की जरूरत होती है जिसमें से अठारह ऐलोवेरा में पाये जाते हैं। साथ ही अन्य पोषक तत्व जैसे कि आयरन, मैगनीज़, कैल्सियम और सोडियम भी इसमें हैं। संभव हो तो प्रतिदिन ऐलोवेरा जूस का सेवन करना चाहिए। अगर आप गैस की समस्या से परेशान हैं तो ऐलोवेरा जूस में नींबू का रस लेने ये बंद हो जाएगी और साथ ही आपकी पाचन शक्ति भी अच्छी होता जाएगी। कब्ज़ की समस्या में खासकर ऐलोवेरा जूस से बहुत राहत मिलती है।
आजकल प्रदूषण बहुत बढ़ रहा है ऐसे में बच्चा हो या बड़ा, सबकी ही रोग प्रतिरोधक क्षमता जिसे कि हम इम्यूनीटी कहते हैं, कम होती जा रही है। ऐसे में ऐलोवेरा जूस आपके शरीर को एक्टिव बनाये रखता है और सर्दी जुकाम जैसी बीमारियों से बचाये रखता है। ये हमारे दिल का ख्याल रखते हुए कोलेस्ट्राल को बढ़ने से रोकता है। आर्थराइटिस या गठिया में होने वाले जोड़ों के दर्द को कम करने में भी ऐलोवेरा सहायक हो सकता है इसके लिए आप चाहें तो ऐलोवेरा की पत्तियों पर हल्दी लगाकर सीधे ही दर्द वाली जगह पर लगा सकते हैं या फिर चाहें तो रोज़ ऐलोवेरा जूस का सेवन भी कर सकते हैं। दोनों तरह से ही ये जोड़ों के दर्द को कम करता है। अगर कोई जख्म हो गया हो या कहीं कट छिल गया हो ऐलोवेरा जैल लगाने से वह जल्दी ही सही हो जाता है तथा घाव भी भर जाता है।
फोड़े फुंसी होने पर ऐलोवेरा जैल में हल्दी मिलाकर लगा लें फिर पट्टी कर लें। थोड़ी देर में अपने आप ही मवाद भी निकाल जाएगा और कोई निशान भी नहीं रहेगा। जो लोग डायबिटीज़ की समस्या से पीड़ित हैं या फिर जिनकी अभी पहली ही स्टेज़ ही उन्हें ऐलोवेरा जूस में करेला का रस मिलाकर पीना चाहिए। ऐलो वेरा का जैल हमारी स्किन के लिए के एंटी एजिंग जैल की तरह काम करता है और रिंकल एवम फाईन लाइनों को कम करता है लेकिन शुरू से ही से इस जैल को लगाने की आदत डाली जाए तो ज्यादा समय के लिए आप जवान दिख सकते हैं। बालों के लिए भी ऐलोवेरा का जैल काफी फायदेमंद रहता है जोकि बालों के लिए एक नेचुरल कंडीशनर का काम करता है।
बालों की जड़ों में ये जैल लगाने से बाल मज़बूत होते हैं और अगर बालों में रूसी हो गई है तो उससे भी छुटकारा मिलता है। यह जैल धूप से होने वाले सनर्बन से बचाता है और सनस्क्रीन की तरह काम करता है आप चाहें तो धूप में निकलने से पहले इस जैल को अपने शरीर पर लगा सकते हैं। ऐलोवेरा जूस खून को साफ करता है और हीमोग्लबिन की कमी को पूरा करता है। ड्राई स्किन के लिए ये जैल मॉशचराइज़र का काम करता है। अगर चेहरे पर मुहांसा हो गया हो तो भी ये जैल लगाकर उसे दूर किया जा सकता है। हमारी कोहनियों और घुटनों पर गंदगी जमा होने के कारण ये हिस्से काले नज़र आते हैं लेकिन ऐलोवेरा जैल में नारियल का तेल मिलाकर लगाने से धीरे धीरे ये कालापन दूर होता जाता है। चेहरे पर इंस्टेट ग्लो लाने के लिए ऐलोवेरा जैल में नींबू का रस 15 मिनट लगाए रखें और फिर धो दें रोज़ ऐसा करने से आप खुद ही फर्क देखना शुरू कर देंगे। त्वचा संबंधी रोगों को ठीक करने में भी ये जैल मदद करता है।