तांबे के बर्तन में पानी पीने के फायदे
आयुर्वेद के अनुसार, तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से आपके शरीर ते तीनों दोश वात, कफ़ व पित्त दूर हो जाते हैं। इसके लिए तांबे के बर्तन में पानी को कम से कम आठ घंटे के लिए रखा जाना चाहिए। दरअसल, जब पानी को तांबे के बर्तन में रखा जाता है तो तांबा पानी में उतर आता है और उसके सारे अच्छे तत्व उस पानी में मिल जाते हैं। इस पानी की सबसे अच्छी बात ये है कि ये कभी बासी नहीं होता। इसे लंबे वक्त तक रखा जा सकता है। आइये जानते हैं तांबे के बर्तन में रखा पानी आपकी सेहत को किस तरह से फायदे पहुंचा सकता है।
सेहत के लिए पानी पीना अच्छी आदत है। स्वस्थ रहने के लिए हर इंसान को दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। आयुर्वेद में कहा गया है सुबह के समय तांबे के पात्र का पानी पीना विशेष रूप से लाभदायक होता है। इस पानी को पीने से शरीर के कई रोग बिना दवा ही ठीक हो जाते हैं। साथ ही, इस पानी से शरीर के जहरीले तत्व बाहर निकल जाते हैं। रात को इस तरह तांबे के बर्तन में संग्रहित पानी को ताम्रजल के नाम से जाना जाता है।
ये ध्यान रखने वाली बात है कि तांबे के बर्तन में कम से कम 8 घंटे तक रखा हुआ पानी ही लाभकारी होता है। जिन लोगों को कफ की समस्या ज्यादा रहती है, उन्हें इस पानी में तुलसी के कुछ पत्ते डाल देने चाहिए। बहुत कम लोग जानते हैं कि तांबे के बर्तन का पानी पीने के बहुत सारे फायदे हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से होने वाले कुछ बेहतरीन फायदों के बारे में…
पाचन क्रिया को बनाता है बेहतर
एसीडिटी और खाना पचाने में दिक्कत बहुत आम समस्याएं हैं। तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से इनसे छुटकारा मिल सकता है। तांबे में ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो नुकसानदायक बैक्टीरिया को खत्म करते हैं और पेट की सूजन मिटाते हैं। अल्सर, अपच और इंफेक्शन जैसी पेट की समस्याओं के लिए ये एक असरदार उपाय है। आयुर्वेद के अनुसार, पेट के रोग मिटाने के लिए रात भर तांबे के बर्तन में रखे पानी को सुबह खाली पेट पीना चाहिए।
वजन घटाने में मदद
वजन कम करने के लिए असरदार माने जाने वाले फाइबरयुक्त चीज़ें खाने के बावजूद भी अगर आपका वजन कम नहीं होता तो नियमित रूप से तांबे के बर्तन में रखे पानी को पियें। इस पानी से आपके शरीर की चर्बी कम होती है।
जख्म जल्दी भरते हैं
तांबे में उच्च मात्रा एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी इन्फ्लेमेटरी तत्व होने की वजह से इससे जख्म जल्दी भरते हैं। इसके अलावा तांबे से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और नई कोशिकाएं बनने में भी मदद होती है। तांबे का पानी पीने से पेट के अंदर के जख्म भी जल्दी ठीक हो जाते हैं।
एजिंग की रफ्तार कम करना
अगर आ चेहरे पर आती झुर्रियों से परेशान हैं तो तांबा आपके लिए प्राकृतिक उपचार साबित हो सकता है। बहुत उच्च मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट होने और कोशिका निर्माण की क्षमता की वजह से तांबा फ्री रेडिकल्स का सफाया करता है जो कि झुर्रियों का मुख्य कारण है। साथ ही इससे तांबे की मदद से पुरानी कोशिकाओं की जगह नई कोशिकाएं ले लेती हैं।
दिल को बनाए हेल्दी
तनाव आजकल सभी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। इसलिए दिल के रोग और तनाव से ग्रसित लोगों की संख्या तेजी बढ़ती जा रही है। यदि आपके साथ भी ये परेशानी है तो तो तांबे के जग में रात को पानी रख दें। सुबह उठकर इसे पी लें। तांबे के बर्तन में रखे हुए जल को पीने से पूरे शरीर में रक्त का संचार बेहतरीन रहता है। कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है और दिल की बीमारियां दूर रहती हैं।
दिल की बीमारियां इन दिनों आम हो चुकी हैं। तांबा दिल की बीमारी के जोखिम को कम कर सकता है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, तांबे ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कनों को नियंत्रित रखने में मदद करता है। साथ ही साथ, कोलेस्ट्रॉल कम करता है। इसलिए अगर आपको दिल की बीमारी है या फिर आप इस बीमारी के जोखिम को कम करना चाहते हैं तो तांबे के बर्तन में रखा पानी पियें।
बैक्टीरिया का सफाया
तांबे में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो बहुत प्रभावी रूप से बैक्टीरिया का सफाया कर देते हैं। खासतौर पर ईकोली पर अपना असर दिखाते हैं जो हमारे पर्यावरण में पाए जाते हैं तो हमारे शरीर में प्रवेश करके उसे नुकसान पहुंचाते हैं। तांबे वाला पानी पीलिया, हैजा आदि बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। अगर आपको लगता है कि आपका पानी पूरी तरह से शुद्ध नहीं है तो उसे तांबे के बर्तन में रात भर रखने के बाद इस्तेमाल करें।
मस्तिष्क के लिए अमृत
एक तंत्रिका कोशिका के दूसरे तंत्रिका कोशिका तक संदेश पहुंचाने से ही हमारा दिमाग काम कर पाता है। ये तंत्रिका कोशिकाएं मायलिन नाम के आवरण से ढंकी हुई होती हैं, जो इनकी संदेश पहुंचाने के काम में मदद करता है। तांबा इस मायलिन आवरण के तैयार होने में मदद करता है।
त्वचा के लिए फायदेमंद
आंखों, बालों व त्वचा के रंग को बेहतर बनाने वाला पिगमेंट मिलेनिन होता है। मिलेनिन त्वचा को सन डैमेज और निशानों से बचाता है। तांबा इसके निर्माण के लिए मुख्य घटक होता है। इसके अलावा, तांबा त्वचा की नई कोशिकाओं के निर्माण में भी मदद करता है।
आयुर्वेद के अनुसार हर रोज सुबह तांबे का पानी पीने से त्वचा में बहुत फर्क आता है।
अधिकतर लोग हेल्दी स्किन के लिए तरह-तरह के कॉस्मेटिक्स का उपयोग करते हैं। वो मानते हैं कि अच्छे कॉस्मेटिक्स यूज करने से त्वचा सुंदर हो जाती है, लेकिन ये सच नहीं है। स्किन पर सबसे अधिक प्रभाव आपकी दिनचर्या और खानपान का पड़ता है। इसलिए अगर आप अपनी स्किन को हेल्दी बनाना चाहते हैं तो तांबे के बर्तन में रातभर पानी रखें और सुबह उस पानी को पी लें। नियमित रूप से इस नुस्खे को अपनाने से स्किन ग्लोइंग और स्वस्थ लगने लगेगी।
हमेशा दिखेंगे जवान
कहते हैं, जो पानी ज्यादा पीता है उसकी स्किन पर अधिक उम्र में भी झुर्रियां दिखाई नहीं देती हैं। ये बात एकदम सही है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप तांबे के बर्तन में जल को रखकर पिएं तो इससे त्वचा का ढीलापन आदि दूर हो जाता है। डेड स्किन भी निकल जाती है और चेहरा हमेशा चमकता हुआ दिखाई देता है।
थायराइड को करता है नियंत्रित
थायरेक्सीन हार्मोन के असंतुलन के कारण थायराइड की बीमारी होती है। थायराइड के प्रमुख लक्षणों में तेजी से वजन घटना या बढ़ना, अधिक थकान महसूस होना आदि हैं। थायराइड एक्सपर्ट मानते है कि कॉपर के स्पर्श वाला पानी शरीर में थायरेक्सीन हार्मोन को बैलेंस कर देता है। यह इस ग्रंथि की कार्यप्रणाली को भी नियंत्रित करता है। तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से रोग नियंत्रित हो जाता है।
गठिया में होता है फायदेमंद
आजकल कई लोगों को कम उम्र में ही गठिया और जोड़ों में दर्द की समस्या सताने लगती हैं। यदि आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो रोज तांबे के पात्र का पानी पिएं। गठिया की शिकायत होने पर तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल पीने से लाभ मिलता है। तांबे के बर्तन में ऐसे गुण आ जाते हैं, जिनसे बॉडी में यूरिक एसिड कम हो जाता है और गठिया व जोड़ों में सूजन के कारण होने वाले दर्द में आराम मिलता है।
खून की कमी करता है दूर
एनीमिया या खून की कमी एक ऐसी समस्या है जिससे 30 की उम्र से अधिक की कई भारतीय महिलाएं परेशान हैं। कॉपर के बारे में यह तथ्य सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक है कि यह शरीर की अधिकांश प्रक्रियाओं में बेहद आवश्यक होता है। यह शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करने का काम करता है। इसी कारण तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से खून की कमी या विकार दूर हो जाते हैं।
कैंसर से लड़ने में सहायक
कैंसर होने पर हमेशा तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल पीना चाहिए। इससे लाभ मिलता है। तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल वात, पित्त और कफ की शिकायत को दूर करता है। इस प्रकार के जल में एंटी-ऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो इस रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, कॉपर कई तरीके से कैंसर मरीज की हेल्प करता है। यह धातु लाभकारी होती है।
तांबे का बर्तन खरीदते हुए ध्यान रखें कि वो शुद्ध तांबे से बना हो। आप तांबे का जग, लोटा या ग्लास खरीद सकते हैं। तांबे के बर्तन में जब पानी डालकर रखें तो उसे ढंकना न भूलें। तांबे के बर्तन को धोने के लिए नींबू का इस्तेमाल करें।
सेहत के लिए पानी पीना अच्छी आदत है। स्वस्थ रहने के लिए हर इंसान को दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। आयुर्वेद में कहा गया है सुबह के समय तांबे के पात्र का पानी पीना विशेष रूप से लाभदायक होता है। इस पानी को पीने से शरीर के कई रोग बिना दवा ही ठीक हो जाते हैं। साथ ही, इस पानी से शरीर के जहरीले तत्व बाहर निकल जाते हैं। रात को इस तरह तांबे के बर्तन में संग्रहित पानी को ताम्रजल के नाम से जाना जाता है।
ये ध्यान रखने वाली बात है कि तांबे के बर्तन में कम से कम 8 घंटे तक रखा हुआ पानी ही लाभकारी होता है। जिन लोगों को कफ की समस्या ज्यादा रहती है, उन्हें इस पानी में तुलसी के कुछ पत्ते डाल देने चाहिए। बहुत कम लोग जानते हैं कि तांबे के बर्तन का पानी पीने के बहुत सारे फायदे हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से होने वाले कुछ बेहतरीन फायदों के बारे में…
पाचन क्रिया को बनाता है बेहतर
एसीडिटी और खाना पचाने में दिक्कत बहुत आम समस्याएं हैं। तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से इनसे छुटकारा मिल सकता है। तांबे में ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो नुकसानदायक बैक्टीरिया को खत्म करते हैं और पेट की सूजन मिटाते हैं। अल्सर, अपच और इंफेक्शन जैसी पेट की समस्याओं के लिए ये एक असरदार उपाय है। आयुर्वेद के अनुसार, पेट के रोग मिटाने के लिए रात भर तांबे के बर्तन में रखे पानी को सुबह खाली पेट पीना चाहिए।
वजन घटाने में मदद
वजन कम करने के लिए असरदार माने जाने वाले फाइबरयुक्त चीज़ें खाने के बावजूद भी अगर आपका वजन कम नहीं होता तो नियमित रूप से तांबे के बर्तन में रखे पानी को पियें। इस पानी से आपके शरीर की चर्बी कम होती है।
जख्म जल्दी भरते हैं
तांबे में उच्च मात्रा एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी इन्फ्लेमेटरी तत्व होने की वजह से इससे जख्म जल्दी भरते हैं। इसके अलावा तांबे से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और नई कोशिकाएं बनने में भी मदद होती है। तांबे का पानी पीने से पेट के अंदर के जख्म भी जल्दी ठीक हो जाते हैं।
एजिंग की रफ्तार कम करना
अगर आ चेहरे पर आती झुर्रियों से परेशान हैं तो तांबा आपके लिए प्राकृतिक उपचार साबित हो सकता है। बहुत उच्च मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट होने और कोशिका निर्माण की क्षमता की वजह से तांबा फ्री रेडिकल्स का सफाया करता है जो कि झुर्रियों का मुख्य कारण है। साथ ही इससे तांबे की मदद से पुरानी कोशिकाओं की जगह नई कोशिकाएं ले लेती हैं।
दिल को बनाए हेल्दी
तनाव आजकल सभी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। इसलिए दिल के रोग और तनाव से ग्रसित लोगों की संख्या तेजी बढ़ती जा रही है। यदि आपके साथ भी ये परेशानी है तो तो तांबे के जग में रात को पानी रख दें। सुबह उठकर इसे पी लें। तांबे के बर्तन में रखे हुए जल को पीने से पूरे शरीर में रक्त का संचार बेहतरीन रहता है। कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है और दिल की बीमारियां दूर रहती हैं।
दिल की बीमारियां इन दिनों आम हो चुकी हैं। तांबा दिल की बीमारी के जोखिम को कम कर सकता है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, तांबे ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कनों को नियंत्रित रखने में मदद करता है। साथ ही साथ, कोलेस्ट्रॉल कम करता है। इसलिए अगर आपको दिल की बीमारी है या फिर आप इस बीमारी के जोखिम को कम करना चाहते हैं तो तांबे के बर्तन में रखा पानी पियें।
बैक्टीरिया का सफाया
तांबे में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो बहुत प्रभावी रूप से बैक्टीरिया का सफाया कर देते हैं। खासतौर पर ईकोली पर अपना असर दिखाते हैं जो हमारे पर्यावरण में पाए जाते हैं तो हमारे शरीर में प्रवेश करके उसे नुकसान पहुंचाते हैं। तांबे वाला पानी पीलिया, हैजा आदि बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है। अगर आपको लगता है कि आपका पानी पूरी तरह से शुद्ध नहीं है तो उसे तांबे के बर्तन में रात भर रखने के बाद इस्तेमाल करें।
मस्तिष्क के लिए अमृत
एक तंत्रिका कोशिका के दूसरे तंत्रिका कोशिका तक संदेश पहुंचाने से ही हमारा दिमाग काम कर पाता है। ये तंत्रिका कोशिकाएं मायलिन नाम के आवरण से ढंकी हुई होती हैं, जो इनकी संदेश पहुंचाने के काम में मदद करता है। तांबा इस मायलिन आवरण के तैयार होने में मदद करता है।
त्वचा के लिए फायदेमंद
आंखों, बालों व त्वचा के रंग को बेहतर बनाने वाला पिगमेंट मिलेनिन होता है। मिलेनिन त्वचा को सन डैमेज और निशानों से बचाता है। तांबा इसके निर्माण के लिए मुख्य घटक होता है। इसके अलावा, तांबा त्वचा की नई कोशिकाओं के निर्माण में भी मदद करता है।
आयुर्वेद के अनुसार हर रोज सुबह तांबे का पानी पीने से त्वचा में बहुत फर्क आता है।
अधिकतर लोग हेल्दी स्किन के लिए तरह-तरह के कॉस्मेटिक्स का उपयोग करते हैं। वो मानते हैं कि अच्छे कॉस्मेटिक्स यूज करने से त्वचा सुंदर हो जाती है, लेकिन ये सच नहीं है। स्किन पर सबसे अधिक प्रभाव आपकी दिनचर्या और खानपान का पड़ता है। इसलिए अगर आप अपनी स्किन को हेल्दी बनाना चाहते हैं तो तांबे के बर्तन में रातभर पानी रखें और सुबह उस पानी को पी लें। नियमित रूप से इस नुस्खे को अपनाने से स्किन ग्लोइंग और स्वस्थ लगने लगेगी।
हमेशा दिखेंगे जवान
कहते हैं, जो पानी ज्यादा पीता है उसकी स्किन पर अधिक उम्र में भी झुर्रियां दिखाई नहीं देती हैं। ये बात एकदम सही है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आप तांबे के बर्तन में जल को रखकर पिएं तो इससे त्वचा का ढीलापन आदि दूर हो जाता है। डेड स्किन भी निकल जाती है और चेहरा हमेशा चमकता हुआ दिखाई देता है।
थायराइड को करता है नियंत्रित
थायरेक्सीन हार्मोन के असंतुलन के कारण थायराइड की बीमारी होती है। थायराइड के प्रमुख लक्षणों में तेजी से वजन घटना या बढ़ना, अधिक थकान महसूस होना आदि हैं। थायराइड एक्सपर्ट मानते है कि कॉपर के स्पर्श वाला पानी शरीर में थायरेक्सीन हार्मोन को बैलेंस कर देता है। यह इस ग्रंथि की कार्यप्रणाली को भी नियंत्रित करता है। तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से रोग नियंत्रित हो जाता है।
गठिया में होता है फायदेमंद
आजकल कई लोगों को कम उम्र में ही गठिया और जोड़ों में दर्द की समस्या सताने लगती हैं। यदि आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो रोज तांबे के पात्र का पानी पिएं। गठिया की शिकायत होने पर तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल पीने से लाभ मिलता है। तांबे के बर्तन में ऐसे गुण आ जाते हैं, जिनसे बॉडी में यूरिक एसिड कम हो जाता है और गठिया व जोड़ों में सूजन के कारण होने वाले दर्द में आराम मिलता है।
खून की कमी करता है दूर
एनीमिया या खून की कमी एक ऐसी समस्या है जिससे 30 की उम्र से अधिक की कई भारतीय महिलाएं परेशान हैं। कॉपर के बारे में यह तथ्य सबसे ज्यादा आश्चर्यजनक है कि यह शरीर की अधिकांश प्रक्रियाओं में बेहद आवश्यक होता है। यह शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करने का काम करता है। इसी कारण तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से खून की कमी या विकार दूर हो जाते हैं।
कैंसर से लड़ने में सहायक
कैंसर होने पर हमेशा तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल पीना चाहिए। इससे लाभ मिलता है। तांबे के बर्तन में रखा हुआ जल वात, पित्त और कफ की शिकायत को दूर करता है। इस प्रकार के जल में एंटी-ऑक्सीडेंट भी होते हैं, जो इस रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं। अमेरिकन कैंसर सोसायटी के अनुसार, कॉपर कई तरीके से कैंसर मरीज की हेल्प करता है। यह धातु लाभकारी होती है।
तांबे का बर्तन खरीदते हुए ध्यान रखें कि वो शुद्ध तांबे से बना हो। आप तांबे का जग, लोटा या ग्लास खरीद सकते हैं। तांबे के बर्तन में जब पानी डालकर रखें तो उसे ढंकना न भूलें। तांबे के बर्तन को धोने के लिए नींबू का इस्तेमाल करें।
