किसने सिखाया दुनिया को लिखना और पढना ?
दोस्तों जब से कंप्यूटर आया है तब से दुनिया ने कुछ वास्तविकताओ को स्वीकार करना शुरू कर दिया है जिनमे से एक है कि सबसे पहली भाषा और सबसे पहली लिपि अगर दुनिया को किसी ने दी है तो वो भारत ने दी है
लिपि को आप सब समझते ही होंगे, जिसमे भाषा लिखी जाती है उसको लिपि कहते है जिसको हम लिखकर व्यक्त कर सकते है भाषा जो पूरी दुनिया में फैली वो संस्कृत है और लिपि जो हमने पुरे विश्व को दी है वो देवनागरी है लेकिन भारत में कई ऐसे इतिहासकार हुए है जिनका ये कहना है कि देवनागरी से पहले भी हमने एक लिपि दी है जो अब हमारी लापरवाही के कारण लुप्त हो गई है और वो है ब्रह्माणी लिपि है
ब्राह्मणी लिपि के बारे में पूरी दुनिया के वैज्ञानिको ने जो एक बात स्वीकार की है वो ये है कि ब्रह्मणी लिपि उतनी ही पुरानी है जितना पुराना भारत है और हमारा भारत कई अरबो साल पुराना है अब समस्या ये उत्पन हो गई है कि इतनी पुरानी ब्राह्मणी लिपि को पढने और समझने वाले वैज्ञानिको की संख्या अभी नहीं है बहुत थोड़े वैज्ञानिक रहे है जो लिपि वैज्ञानिक मने जाते है जो भाषा को पढ़कर उसका अर्थ समझा सकते है और ये सब लिपि वैज्ञानिक मानते है कि अगर दुनिया को लिखना किसी ने सिखाया है तो भारत ने ही सिखाया है क्योकि भारत से पहले लिखने की कला किसी देश को नहीं आती थी| आप तभी कुछ लिख सकते है जब आपके पास लिपि होती है पढना और बोलना थोडा आसान होता है लेकिन लिखना कठिन माना जाता है जोकि लिपि के प्रभाव से ही होता है
सबसे पहले लिखना हमें आया हमारे बाद लिखने की कला यानी लिपि भारत से चीन में गई और चीन ने हमसे लिखना सिखा| चीन में जो पिछले कुछ हजारो साल से लिपि वैज्ञानिक हुए है वो ईमानदारी से इस बात को स्वीकार करते है कि चीन के वैज्ञानिक और ऋषि मुनि भारत आये, उन्होंने लिपियों का अध्यन किया और वापिस चीन जाकर उन्होंने अपनी लिपियों का अविष्कार किया
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