Thursday, 11 August 2016

शीघ्रपतन(प्रीमेच्‍योर इजैकुलेशन) के उपचार के लिए विटामिन और सप्‍लीमेंट

 
शीघ्रपतन(प्रीमेच्‍योर इजैकुलेशन) के उपचार के लिए विटामिन और सप्‍लीमेंट
   
     शीघ्रपतन एक प्रकार की यौन समस्‍या है, इसमें इंटरकोर्स से पहले शुक्राणुओं का पतन हो जाता है, इसके उपचार के लिए विटामिन और अन्‍य पूरक का सेवन करना फायदेमंद है।
प्रीमेच्‍योर इजैकुलेशन
      यह एक प्रकार की यौन समस्‍या है, जो 40 साल से कम उम्र के लोगों में पायी जाने वाली एक सामान्‍य समस्‍या है। इस बीमारी में यौन संबंध बनाते वक्‍त इंटरकोर्स से पहले ही शुक्राणुओं का पतन हो जाता है, यानी शीघ्रपतन हो जाता है। तनाव, बढ़ती उम्र, प्रोस्‍टेट की समस्‍या इसके लिए जिम्‍मेदार कारक हैं। इसके उपचार के लिए आप विटामिन और अन्‍य सप्‍लीमेंट्स का सहारा ले सकते हैं।
 विटामिन बी
      विटामिन बी के सेवन सेवन से शीध्रपतन के उपचार में मदद मिलती है। 'मेडिकल हाइपोथेसिस' पत्रिका में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक विटामिन-बी तनाव कम कर दिमाग की कोशिकाओं और न्‍यूरॉन्‍स में संदेश को अच्‍छे से आदान-प्रदान करने में मदद करता है जिसके कारण मूड बनता है। यह तनाव भी कम करता है और शीघ्रपतन की समस्‍या को दूर करता है।
 फोलिक एसिड
      शीघ्रपतन के उपचार के लिए चिकित्‍सक फोलिक एसिड के सेवन की सलाह देते हैं। इसके सेवन से तनाव और अवसाद की समस्‍या दूर होती है। प्रीमैच्‍योर इजैकुलेशन के लिए जिम्‍मेदार प्रमुख कारकों में तनाव भी है। फोलिक एसिड सेरोटोनिन के स्राव को कम करने में मदद करता है जिससे तनाव नहीं होता। इसलिए 400 मिग्रा फोलिक एसिड या फोलेट का सेवन रोज करना चाहिए।
 विटामिन सी
      विटामिन सी भी शीघ्रपतन के उपचार में सहायक है। विटामिन सी यौन संबंध के वक्‍त गुप्‍तांग में संकुचन पैदा करता है, जिसके कारण शुक्राणु बाहर नहीं निकल पाते हैं और शीघ्रपतन नहीं होता। इसके अलावा विटामिन सी एंटीऑक्‍सीडेंट की तरह काम करता है, यह विषाक्‍त पदार्थों से शरीर को बचाने में सहायक भी है। नियमित रूप से 90 मिग्रा विटामिन सी का सेवन करना चाहिए।
 विटामिन ई
      विटामिन-ई ऐसा एंटीऑक्‍सीडेंट है जो मुक्‍त कणों को खत्‍म करने में सहायक है, ये मुक्‍त कण ही गुप्‍तांग की मांसपेशियों के ऊतकों को तोड़ते हैं और शीघ्रपतन का कारण बनते हैं। इसे रोकने के लिए विटामिन ई का सेवन कीजिए। नियमित रूप से 15 से 22 मिग्रा विटामिन ई का सेवन करना चाहिए।
अश्‍वगंधा का सेवन
     अश्‍वगंधा को बहुत ही प्राचीन औषधि के रूप में जाना जाता है। यह कई प्रकार की यौन समस्‍याओं के उपचार करने में सहायक औषधि है। इस हर्ब के सेवन से लिबिबो की मात्रा बढ़ती है जो शीघ्रपतन की समस्‍या दूर करने में मदद करता है। इसके अलावा अश्‍वगंधा के सेवन से शरीर मजबूत होता है और नपुंसकता की समस्‍या भी दूर होती है ।
अदरक और शहद
       शहद और अदरक का साथ में सेवन करने से शीघ्रपतन की समस्‍या दूर होती है। अदरक, शरीर में गर्मी लाती है और रक्‍त संचार को ठीक करती है, एक चम्‍मच अदरक का पेस्‍ट लेकर इसे शहद के साथ खायें। इसमें आप दूध भी मिला सकते हैं।
 लहसुन है फायदेमंद
      शीघ्रपतन जैसी यौन समस्‍या दूर करने में लहसुन बहुत सहायक है। कच्‍चा लहसून की 4 कलियां दिन में चबाएं। इसके नियमित सेवन से पेट की समस्‍या के साथ-साथ शीघ्रपतन की समस्‍या भी दूर होगी। कच्‍चा खाने में समस्‍या है तो इसकी कलियों को देसी घी में फ्राई कर सकते हैं।
 सौंफ का सेवन
      सौंफ को प्राकृतिक कामोत्‍तेजक के रूप में भी जाना जाता है। सौंफ के सेवन से कामेच्‍छा बढ़ती है और प्रीमैच्‍योर इजैकुलेशन की समस्‍या भी दूर होती है। सौंफ में सौंफ में कैल्शियम, सोडियम, फॉस्फोरस, आयरन और पोटैशियम जैसे तत्‍व पाये जाते हैं जो शरीर की शक्ति बढ़ाते हैं।
इमली और गुड़
      इमली के बीजों को लेकर 2-3 दिनों तक पानी में भीगो दें। अब उन बीजों को पानी से निकालकर व उनके छिलके उतारकर ठीक तरह से पीस लें। अब इसमें लगभग दुगुनी मात्रा में गुड़ मिलाकर इसे आटे की तरह गूंथ लें। इसके पेस्‍ट की गोलियां बनाकर यौन संबंध बनाने से दो घंटे पहले दूध के साथ इनका सेवन करें। इससे शीघ्रपतन की समस्‍या दूर होगी।
कैस्‍टर ऑयल
     शीघ्रपतन की समस्‍या को दूर करने में बहुत मददगार है अरंडी का तेल। यह प्रोस्‍टेट से सम्‍बंधित सभी समस्‍याओं को दूर करता है। प्रोस्‍टेट समस्‍याओं को नियंत्रित करने के लिए कैस्‍टर ऑयल का प्रयोग कीजिए। इस तेल से गुप्‍तांग पर मालिश करने से शीघ्रपतन की समस्‍या दूर होती है।