सेक्स और वीर्य का आपस में बहुत ही गहरा संबंध है। हर व्यक्ति चाहता है कि स्त्री के साथ संभोग करते समय वीर्यस्खलन देर से हो। इसके लिए वह हमेशा ही नई-नई चीजें ढूंढता रहता है। अपनी यौनशक्ति को बढ़ाने के लिए वह हर समय कोशिश करता रहता है इसके साथ ही वह अपनी संभोग शक्ति बढ़ाने के लिए भी प्रयत्नशील रहता है। संभोगशक्ति को बढ़ाने के लिए वीर्य को शुद्ध, गाढ़ा, और शुक्राणुओं की वृद्धि, स्तंभन शक्ति बढ़ाने के लिए आयुर्वेद के विद्वानों ने बाजीकरण नाम के अलग विभाग की रचना की है। उनके हिसाब से वीर्य को बढ़ाने के लिए, वीर्य से संबंधित दोषों को दूर करने के लिए, संभोग शक्ति और स्तंभन शक्ति बढ़ाने के लिए बाजीकरण औषधि का सेवन करना बहुत जरूरी है। बाजीकरण को वृष्य भी कहते हैं। इसलिए मनुष्य के शरीर में जिन खाद्य पदार्थों, यौगिक क्रियाओं या औषधियों के द्वारा शक्ति प्राप्त होती है उसे बाजीकरण के नाम से जाना जाता है।
चिकित्सा :
1. असगंध:
25-25 ग्राम असगंध, ब्रह्मदण्डी और निर्गुण्डी को एकसाथ मिलाकर अच्छी तरह से पीसकर और छानकर इसमें 75 ग्राम खांड मिलाकर रख लें। इसे 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम दूध के साथ सेवन करने से बाजीकरण के रोग में (यौन शक्ति का कम होना) लाभ मिलता है।
25-25 ग्राम असगंध, ब्रह्मदण्डी और निर्गुण्डी को एकसाथ मिलाकर अच्छी तरह से पीसकर और छानकर इसमें 75 ग्राम खांड मिलाकर रख लें। इसे 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम दूध के साथ सेवन करने से बाजीकरण के रोग में (यौन शक्ति का कम होना) लाभ मिलता है।
2. इन्द्रजौ:
50-50 ग्राम इन्द्रजौ, तारा मीरा के बीज और उटंगन के बीजों को एकसाथ कूटकर और छानकर 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम शहद में मिलाकर चाटने से बाजीकरण का रोग (यौन शक्ति का कम होना) दूर हो जाता है।
50-50 ग्राम इन्द्रजौ, तारा मीरा के बीज और उटंगन के बीजों को एकसाथ कूटकर और छानकर 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम शहद में मिलाकर चाटने से बाजीकरण का रोग (यौन शक्ति का कम होना) दूर हो जाता है।
3. बिदारीकंद:
100 ग्राम बिदारीकंद को कूटकर और छानकर इसमें 100 ग्राम खांड मिलाकर 5-5 ग्राम की मात्रा में घी में डालकर सुबह-शाम सेवन करने के बाद ऊपर से खांड मिला दूध पीने से यौनशक्ति के कम होने का रोग समाप्त हो जाता है।
100 ग्राम बिदारीकंद को कूटकर और छानकर इसमें 100 ग्राम खांड मिलाकर 5-5 ग्राम की मात्रा में घी में डालकर सुबह-शाम सेवन करने के बाद ऊपर से खांड मिला दूध पीने से यौनशक्ति के कम होने का रोग समाप्त हो जाता है।
4. सफेद मूसली:
50 ग्राम सफेद मूसली, 100 ग्राम तालमखाना और 150 ग्राम देसी गोखरू को एकसाथ कूटकर और छानकर रख लें। फिर इसमें 300 ग्राम खांड मिलाकर 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम हल्के गुनगुने पानी से लेना बाजीकरण (यौन शक्ति का कम होना) रोग में लाभ होता है।
50 ग्राम सफेद मूसली, 100 ग्राम तालमखाना और 150 ग्राम देसी गोखरू को एकसाथ कूटकर और छानकर रख लें। फिर इसमें 300 ग्राम खांड मिलाकर 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम हल्के गुनगुने पानी से लेना बाजीकरण (यौन शक्ति का कम होना) रोग में लाभ होता है।
5. उड़द :
25 ग्राम उड़द की दाल की पिट्ठी या सिंघाढ़े के आटे को देसी घी में भूनकर लगभग 400 मिलीलीटर दूध में मिलाकर पकायें। पकने के बाद गाढ़ा होने पर कम गर्म में दूध में चीनी मिलाकर सुबह सेवन करने से बाजीकरण के रोग में आराम होता है। उड़द की दाल का एक लड्डू रोजाना खाकर उसके बाद दूध पीने से वीर्य बढ़कर धातु पुष्ट होता है संभोग करने की शक्ति बढ़ती है।
6. काले तिल :
काले तिल और गोखरू को 20-20 ग्राम की मात्रा में पीसकर 400 मिलीलीटर दूध में चीनी डालकर अच्छी तरह से पकायें। गाढ़ा होने पर गुनगुने रूप में बाजीकरण से पीड़ित रोगी को सुबह के समय खिलाने से लाभ होता हैं।
काले तिल और गोखरू को 20-20 ग्राम की मात्रा में पीसकर 400 मिलीलीटर दूध में चीनी डालकर अच्छी तरह से पकायें। गाढ़ा होने पर गुनगुने रूप में बाजीकरण से पीड़ित रोगी को सुबह के समय खिलाने से लाभ होता हैं।
7. खजूर:
25 से 50 ग्राम खजूर या पिण्डखजूर को 100 से 250 मिलीलीटर दूध के साथ दिन में 3 बार लेने से संभोगशक्ति बढ़ जाती है।
25 से 50 ग्राम खजूर या पिण्डखजूर को 100 से 250 मिलीलीटर दूध के साथ दिन में 3 बार लेने से संभोगशक्ति बढ़ जाती है।
8. भांग:
एक चौथाई से आधा ग्राम भांग के पत्तों का चूर्ण 4 से 6 ग्राम शहद और 100-250 मिलीलीटर दूध के साथ लेने से संभोगशक्ति बढ़ जाती है।
6 ग्राम भांग, 6 ग्राम अफीम, 10 ग्राम, छुहारे, 6 ग्राम पोस्तदाना, 10 ग्राम बादाम गिरी, 10 ग्राम मोठ की जड़ और 6 ग्राम धतूरे के बीजों को एकसाथ बारीक पीसकर 3 ग्राम की मात्रा में लेने से बाजीकरण रोग में लाभ मिलता है।
6 ग्राम भांग, 6 ग्राम अफीम, 10 ग्राम, छुहारे, 6 ग्राम पोस्तदाना, 10 ग्राम बादाम गिरी, 10 ग्राम मोठ की जड़ और 6 ग्राम धतूरे के बीजों को एकसाथ बारीक पीसकर 3 ग्राम की मात्रा में लेने से बाजीकरण रोग में लाभ मिलता है।
9. जातीफल:
जातीफल का चूर्ण 1 से 3 ग्राम की मात्रा में 100 से 250 मिलीलीटर दूध के साथ वीर्य स्खलन की स्थिति में दिन में 2 बार सेवन करने से लाभ होता है।
जातीफल का चूर्ण 1 से 3 ग्राम की मात्रा में 100 से 250 मिलीलीटर दूध के साथ वीर्य स्खलन की स्थिति में दिन में 2 बार सेवन करने से लाभ होता है।
10. जावित्री:
1 से 3 ग्राम जावित्री के चूर्ण को 100 से 250 मिलीलीटर दूध के साथ दिन में 2 बार लेने से वीर्य का जल्दी निकलने का रोग दूर हो जाता है।
जावित्री, सफेद कनेर की छाल, समुद्रशोष, अफीम, खुरासानी अजवायन, जायफल, पीपल, मिश्री को बराबर मात्रा में लेकर बारीक पीसकर गुड़ के साथ 4-4 ग्राम की गोलियां बनाकर रख लें। इसमें से एक गोली रात को सोते समय खाने से संभोगशक्ति बढ़ जाती है।
जावित्री, सफेद कनेर की छाल, समुद्रशोष, अफीम, खुरासानी अजवायन, जायफल, पीपल, मिश्री को बराबर मात्रा में लेकर बारीक पीसकर गुड़ के साथ 4-4 ग्राम की गोलियां बनाकर रख लें। इसमें से एक गोली रात को सोते समय खाने से संभोगशक्ति बढ़ जाती है।
11. नमक:
1 से 3 ग्राम नमक के चूर्ण को 100 से 250 मिलीलीटर दूध के साथ दिन में 2 बार देने से वीर्य स्खलन नहीं होता है।
1 से 3 ग्राम नमक के चूर्ण को 100 से 250 मिलीलीटर दूध के साथ दिन में 2 बार देने से वीर्य स्खलन नहीं होता है।
12. जायफल:
3 ग्राम जायफल, 6 ग्राम रूमी मस्तगी, 6 ग्राम लौंग तथा 6 ग्राम इलायची को पीसकर शहद में मिलाकर बेर के बराबर गोलियां बना लें। यह 1 गोली रात को सोते समय खाना बाजीकरण रोग में लाभदायक होता है।
3 ग्राम जायफल, 6 ग्राम रूमी मस्तगी, 6 ग्राम लौंग तथा 6 ग्राम इलायची को पीसकर शहद में मिलाकर बेर के बराबर गोलियां बना लें। यह 1 गोली रात को सोते समय खाना बाजीकरण रोग में लाभदायक होता है।