हमारे रसोई घर मे उपयोग होने वाले मसाले कई रोगों के इलाज मे उपयोगी होते है ।इसमे से चार मसाले ऐसे है जो हमे बहौत काम आते है ।जो बार बार होने वाले सामान्य रोगों मे बहौत उपयोगी साबित होते है ।
सर्दी-खाँसी में गरम पानी से हल्दी की फँकी देने से आराम मिलता है तथा बलगम भी निकल जाता है। हल्दी एंटीबायटिक का काम भी करती है। इसे फेस पैक के रूप में बेसन के साथ लगाने से त्वचा में निखार आता है।
अदरक :-
यह पाचक है। पेट में कब्ज, गैस बनना, वमन, खाँसी, कफ, जुखाम आदि में इसे काम में लाया जाता है। अदरक का रस और शहद मिलाकर चाटते रहने से दमे में आराम मिलता है, साथ ही भूख भी बढ़ती है। यह पाचन ठीक करता है। नीबू-नमक से बना सूखा अदरक आप यात्रा में साथ रख सकते हैं।
यह पाचक है। पेट में कब्ज, गैस बनना, वमन, खाँसी, कफ, जुखाम आदि में इसे काम में लाया जाता है। अदरक का रस और शहद मिलाकर चाटते रहने से दमे में आराम मिलता है, साथ ही भूख भी बढ़ती है। यह पाचन ठीक करता है। नीबू-नमक से बना सूखा अदरक आप यात्रा में साथ रख सकते हैं।
मेथीदाना : -
मेथीदाना खून को पतला करता है, मल को बाँधता है। मधुमेह रोगी के लिए मेथीदाना रामबाण औषधि है। नित्य खाली पेट एक टी स्पून मेथी दाने का चूर्ण या आखा मेथी दाना पानी के साथ लेने से कब्ज व घुटने के दर्द में आराम मिलता है। साथ ही यह शरीर की अतिरिक्त चर्बी छाँटने में भी कारगर है। सर्दियों में यह बेहद फायदा करता है।
मेथीदाना खून को पतला करता है, मल को बाँधता है। मधुमेह रोगी के लिए मेथीदाना रामबाण औषधि है। नित्य खाली पेट एक टी स्पून मेथी दाने का चूर्ण या आखा मेथी दाना पानी के साथ लेने से कब्ज व घुटने के दर्द में आराम मिलता है। साथ ही यह शरीर की अतिरिक्त चर्बी छाँटने में भी कारगर है। सर्दियों में यह बेहद फायदा करता है।
जीरा पाचक और सुगंधित है। खाने में अरुचि, पेट फूलना, अपच आदि को दूर करता है। जीरा, अजवाइन पीसकर थोड़ा सा सेंधा नमक डालकर भोजन के बाद लेने से पाचन ठीक रहता है। उल्टी की शिकायत भी बंद हो जाती है।