Friday 23 September 2016

अस्थमा (दमा) के कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक और एक्यूप्रेशर से उपचार


     अस्थमा एक फेफड़े की बीमारी है जो साँस लेने में कठिनाई का कारण बनता है। फेफड़ों में हवा के प्रवाह में रुकावट होने पर अस्थमा अटैक होता है।
अस्थमा के कारण -
    -एलर्जी
    -वायु प्रदूषण
    -धूम्रपान और तंबाकू
    -श्वसन संक्रमण
    -जेनेटिक्स (आनुवांशिक)
    -मौसम के कारण
    -मोटापा
    -तनाव
अस्थमा (दमा) के लक्षण -
    -साँस लेने में तकलीफ
    -सीने में जकड़न या दर्द
    -खाँसी
    -घरघराहट
    -लगातार सर्दी और खांसी
    -नींद में बेचैनी
    -थकान
अस्थमा के घरेलू नुस्खे -
1.    अदरक का रस, अनार का रस और शहद को बराबर मात्रा में मिलाएं। इस मिश्रण का एक चम्मच दिन में दो या तीन बार सेवन करें।
2.    नींबू में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता हैं जो अस्थमा के इलाज में सहायक होता है। एक गिलास पानी में आधा नींबू का रस निचोड़ लें और उसमें अपने स्वाद के अनुसार चीनी मिलाकर पीयें।
3.    आंवला दमा के उपचार के लिए एक अच्छा उपाय है। आंवला को कुचलकर उसमें थोड़ा सा शहद मिलाएं और सेवन करें।
4.    तीन सूखे अंजीर को धो लें और रात भर एक कप पानी में भिगोएँ। सुबह में खाली पेट अंजीर खा लें और अंजीर का पानी पीयें।
5.    एक चम्मच शहद में आधा चम्मच दालचीनी पाउडर मिलाकर रात में सोने से पहले सेवन करें। यह गले से कफ को निकालने में मदद करता है और इससे अच्छी नींद आती है।
6.    प्याज में मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण दमा के इलाज में मदद करता है। प्याज को सलाद के रूप में या सब्जियों में पकाकर खा सकते है।
7.    एक गिलास गर्म दूध में जैतून का तेल और शहद को बराबर मात्रा में मिलाएं। इसमें कुछ लहसुन की कली डालकर नाश्ता करने से पहले सेवन करें।
8.    संतरा, पपीता, ब्लूबेरी और स्ट्रॉबेरी भी अस्थमा के लक्षणों को कम करने में मदद करते हैं।
9.    पानी में एक चम्मच अजवाइन डालकर उबाल लें और इसका भाप लें। आप चाहे तो इसे पी भी सकते है।
10.   ज़रूरत के अनुसार सरसों के तेल में कपूर डालकर अच्छी तरह से गर्म करें। उसको एक कटोरी में डालें। फिर वह मिश्रण थोड़ा-सा ठंडा हो जाने के बाद सीने और पीठ में मालिश करें। दिन में कई बार से इस तेल से मालिश करने पर दमा के लक्षणों से कुछ हद तक आराम मिलता है।
 11.   लहसुन फेफड़ो के कंजेस्शन को कम  करने में बहुत मदद करता है। दस-पंद्रह लहसुन का फाँक दूध में डालकर कुछ देर तक उबालें। उसके बाद एक गिलास में डालकर गुनगुना गर्म ही पीने की कोशिश करें। इस दूध का सेवन दिन में एक बार करना चाहिए।
 12.   एक कटोरी में एक छोटा चम्मच अदरक का रस, अनार का रस और शहद डालकर अच्छी तरह से मिला लें। उसके बाद एक बड़ा चम्मच इस मिश्रण का सेवन दिन में चार से पाँच बार करने से दमा के लक्षणों से राहत मिलती है।
एक्यूप्रेशर पोइन्ट्स से उपचार 

     ऊपर दिखाये चित्र में बताये गये बिंदुओ पर दिन में दो बार दबाव डाले । पंपिंग कि माफक दबाव दें । 2 सेकन्ड तक दबाये फिर 1 सेकन्ड छोड़े । इस से अस्थमा रोग संपूर्ण काबू में आजाऐगा ।