Sunday 7 August 2016

हरस(Hemorrhoids)का आयुर्वेदिक और एक्यूप्रेशर द्वारा इलाज


     हरस(Hemorrhoids) की तकलीफ से आप परेशान है और आपको बिना ऑपरेशन किए ठीक होना है तो इसका तरीका मे आप को बताऊँगा जिसमे कोई भी अलोपेथीक दवाई की जरूरत नही पडती ।
       सबसे पहले आपको हरस मसा है की नही ए जानना जरूरी है ।इस तकलीफ का निदान आप अपने हाथ के पंजे से कर शकते है ।जो नीचे दिये फोटो से पता चलेगा
  
      ऊपर बताये गये फोटो मे जहा हरस (Hemorrhoids)  का जो बिंदु है वहा दबाव डालिये ।अगर वहा दबाव देनेसे आपको अजीब तरह का दर्द हो तो आपको हरस मसा की तकलीफ है ।और इस तरह के निदान से आपको कोई भी प्रकार का रिपोर्ट करने की जरुरत नही रेहती ।और आप का टाइम और पैसे दोनो बचते है ।
हरस के लिए नाभीचक्र ठीक करे 
 नाभिचक्र आपने स्थान पर है या नहीं यह पता लगाने के लिए कुछ दिशा निर्देश:-
(1) नाभिचक्र अपने स्थान पर है या नहीं यह पता लगाने के लिए सबसे पहले रोगी व्यक्ति को सुबह के समय में शौच क्रिया के बाद पीठ के बल सीधा लेट जाना चाहिए।रोगी व्यक्ति को अपने हाथ बगल में शरीर के साथ सीधे रखने चाहिए तथा दूसरे व्यक्ति को कहना चाहिए कि एक धागा लेकर नाभि से छाती की एक तरफ की निप्पल तक नापे।इसके बाद रोगी को यह क्रिया दूसरे निप्पल के साथ भी करनी चाहिए और पता करना चाहिए कि दोनों तरफ के निप्पल के साथ धागे की समान दूरी है या नहीं।
यदि निप्पल के दोनों ओर की दूरी समान नहीं है तो समझा लेना चाहिए कि नाभिचक्र अपने स्थान से हट गई है और यदि दूरी समान है तो समझना चाहिए कि नाभिचक्र अपने स्थान पर है।
(2) नाभिचक्र का अपने स्थान से हट जाने का पता लगाने का एक तरीका यह भी है कि सुबह के समय में खाली पेट पीठ के बल अपने दोनों टांगों को सीधा करके लेट जाए।यदि नाभिचक्र अपने स्थान से हटा हुआ होगा तो किसी एक पैर का अंगूठा दूसरे पैर के अंगूठे से कुछ ऊंचा उठा हुआ रहेगा अन्यथा नहीं। इसी तरह हाथ कि छोटी उंगली और रेखाए मिलाकर छोटी उंगली कि लम्बाई देखे ।ए बराबर होनी चाहिए। ऊपर -नीचे हो तो नाभीचक्र अपने स्थान से हटा हुआ होगा ।
 

नाभिचक्र का अपने स्थान पर हट जाने पर प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार:-
(1) अपने पैरों को नापने पर अंगूठा यदि नीचे की ओर दिखे तो उसे ऊपर की ओर खींचें। इस प्रकार की क्रिया 5-6 बार करें। ऐसा करने से नाभिचक्र अपने स्थान पर आ जाता है।
(2) नाभिचक्र को अपने स्थान पर करने के लिए सुबह के समय में रोगी व्यक्ति को बिना खाना खाए जमीन पर या तख्त पर सीधे लेट जाना चाहिए। इसके बाद अपनी टांगों को सामने की ओर फैला दें। फिर दायीं टांग के घुटने को ऊपर की ओर रखकर दाएं हाथ से दाएं घुटने पर थोड़ा सा दबाव देकर भूमि या तख्त पर लगाने की कोशिश करना चाहिए। लेकिन दबाव देते समय एक बात का ध्यान रखना चाहिए कि दबाव उतना ही दे जितना रोगी व्यक्ति सहन कर पाए। ठीक इसी प्रकार की क्रिया दूसरी टांग पर भी करनी चाहिए। इसके बाद 5 से 6 बार इस क्रिया को दोहराना भी चाहिए।
(3) नाभिचक्र अपने स्थान से हट जाने पर नाभि के अन्दर 2-3 बूंद तेल डालें। इसके बाद नाभि के चारों ओर तेल लगाकर दाईं से बाईं तरफ कम से कम तीन बार मालिश करें। इसके बाद नाभि के चारों ओर कम से कम तीन बार बाईं से दाईं तरफ मालिश करें।
 
इस प्रकार से उपचार करने से नाभिचक्र अपने स्थान पर  आ जाता है।
(4) नाभिचक्र अपने स्थान से हट जाने पर रोगी के दोनों पैरों के अंगूठों में धागा बांध दें।
(5) नाभिचक्र के अपने स्थान पर हटने पर नाभिचक्र को ठीक करने के लिए अर्थात नाभि को अपने स्थान पर लाने के लिए कई प्रकार के आसन है जिनको करने पर नाभिचक्र अपने स्थान पर आ जाता है।
आसन कुछ इस प्रकार के हैं- धनुरासन, नौकासन, भुजंगासन, चक्रासन, शवासन तथा उत्तानपादासन।
कब्ज दूर करे 
हरस के लए कब्ज दुर करे
1  कब्ज दूर करने के लिये नभिकेंद्र ठीक करे ।(जइसकी सम्पूर्ण जानकारी ऊपर दी गई है।)
2  आप जब शौच करने जोओ तब दाढी के मध्य भाग मे अँगूठे से दबाव दे और अंगूठा दाढी के मध्य मे रगडे ।
ऐसा करने से आप को ज्याद जोर नही लगाना पडेगा। 
(3 )गणेशक्रिया करे :-कब्ज कि तकलीफ हो उन्हे हाथ के बिच कि मोटी उंगली से मख्खन ले के गुदा मार्ग के जितना अंदर  जा सके उतना अंदर उंगली डालकर मालिश करे ।इस के बाद पेट को अंदर खींचे और बाहर निकले ।ऐसा करने से ज्याद मल बाहर आएगा । इस से कब्ज मिटेगा । हरस नही होंगा । और अंदर कि ओर जो प्रोस्टेट ग्रंथी है उसे भी मालिश हो जाएगी जिससे प्रोस्टेट ज्याद कार्यरत बनेगा । हर्निया और मूत्र कि तकलीफ से होने वाले रोग भी रुक जाएँगे ।
उपचार 
हरस के लिए अक्यूप्रेसर बिंदु

        ऊपर चित्र मे बताए अक्यूप्रेसर बिंदु को दिनमें सुबह दोपहर  शाम 3-4मिनिट तक दबाये (दबाने की रीत :- 3 सेकंड तक दबाव दे फिर 2 सेकंड तक दबाव हटालें )
आयुर्वेदिक इलाज 

नारियल की जटा से करे खुनी बवासीर का इलाज।
अगर आप बवासीर से परेशान हैं चाहे वो खुनी हो चाहे बादी, तो ये प्रयोग आपके लिए रामबाण से कम नहीं हैं। इस प्रयोग से पुरानी से पुरानी बवासीर 1 से 3 दिन में सही हो जाएगी। इस इलाज से एक दिन में ही रक्तस्राव बंद हो जाता है। बड़ा सस्ता व सरल उपाय है। एक बार इसको ज़रूर अपनाये। आइये जाने ये प्रयोग।
       नारियल की जटा लीजिए। उसे माचिस से जला दीजिए। जलकर भस्म बन जाएगी। इस भस्म को शीशी में भर कर ऱख लीजिए। कप डेढ़ कप छाछ या दही के साथ नारियल की जटा से बनी भस्म तीन ग्राम खाली पेट दिन में तीन बार सिर्फ एक ही दिन लेनी है। ध्यान रहे दही या छाछ ताजी हो खट्टी न हो। कैसी और कितनी ही पुरानी पाइल्स की बीमारी क्यों न हो, एक दिन में ही ठीक हो जाती है।
      यह नुस्खा किसी भी प्रकार के रक्तस्राव को रोकने में कारगर है। महिलाओं के मासिक धर्म में अधिक रक्तस्राव या श्वेत प्रदर की बीमारी में भी कारगर है। हैजा, वमन या हिचकी रोग में यह भस्म एक घूँट पानी के साथ लेनी चाहिए। ऐसे कितने ही नुस्खे हिन्दुस्तान के मंदिरों और मठों में साधु संन्यासियों द्वारा आजमाए हुए हैं। इन पर शोध किया जाना चाहिए।
     दवा लेने के एक घंटा पहले और एक घंटा बाद तक कुछ न खाएं तो चलेगा। अगर रोग ज्यादा जीर्ण हो और एक दिन दवा लेने से लाभ न हो तो दो या तीन दिन लेकर देखिए।
* हरे रंग के शाकभाजी का रस दिनभर ज्यादा से ज्यादा पीए ।
* मसा के ऊपर कोपरेल तेल की मालिश करे । *जंकफूड ,तला हुआ खोरक ,गरम मसले ,ज्यादा तीखा,ऐसे खोरक का सेवन बँध करे ।
    ऊपर बताये गये उपचार से आपको अगर मसा में से खून आता होंगा तो भी दो दिन मे फर्क पड जयेगा और 8 से 10 दिन मे आप स्वस्थ हो जायेगे ।