प्राकृतिक रुप से कैसे ठीक करे होर्मोन्स असंतुलन
परिचय-
हमारे शरीर में हार्मोन एक अहम स्थान रखता है क्योंकि यह शरीर के काम-काज को नियंत्रित करता है। अगर शरीर में हार्मोन असंतुलन हो जाए तो शरीर के काम में गड़बड़ी पैदा हो जाती है और दिक्कतें शुरु हो जाती है।
हमारे शरीर में हार्मोन एक अहम स्थान रखता है क्योंकि यह शरीर के काम-काज को नियंत्रित करता है। अगर शरीर में हार्मोन असंतुलन हो जाए तो शरीर के काम में गड़बड़ी पैदा हो जाती है और दिक्कतें शुरु हो जाती है।
आमतौर पर हार्मोनल परिवर्तन यौवन, मासिक धर्म, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति के दौरान ही देखा जाता है। मगर आज के युग में उम्र, खराब डाइट, खूब ज्यादा या फिर बिल्कुल कम व्यायाम, नींद में कमी, तनाव, बर्थ कंट्रोल पिल्स और कीटनाषक जैसे विषाक्त पदार्थ हार्मोनल असंतुलन पैदा करते हैं।
अगर किसी इंसान को हार्मोन असंतुलन की समस्या हो गई है तो, वह घबराहट, चिड़चिड़ापन, मूड में बदलाव, अनिद्रा, थकान, वजन समस्या, अतिरिक्त बालों का विकास या बालों के झड़ने, सिरदर्द, कम सेक्स की इच्छा, तेलिय या शुष्क त्वचा, मुँहासे, भूंख लगना, बांझपन और अन्य कई समस्याएं हो सकती हैं। कई महिलाएं सारी उम्र हार्मोनल असंतुलन से परेशान रहती हैं। आज महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन इसलिए अधिक हो रहा है क्योंकि भोजन में गड़बड़ी आ गई है।
ओमेगा 3 फैटी एसिड-
ओमेगा 3 फैटी एसिड हार्मोन को बैलेंस करने में काफी ज्यादा मददगार होते हैं। यह मासिक धर्म के तेज दर्द को शांत करने तथा रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करते हैं। आपको ओमेगा 3 फैटी एसिड मछली, अलसी के बीज, अखरोट, सोया बींस, टोफू और ऑलिव ऑइल से प्राप्त हो सकता है। आप डॉक्टर से पूंछ कर ओमेगा 3 की गोलियां भी ले सकती हैं।
विटामिन डी-
विटामिन डी पिट्यूटरी ग्रंथि को प्रभावित करता है जहां पर हार्मोन की एक श्रृंखला का उत्पादन होता है। यह एस्ट्रोजन के कम स्तर के लक्षणों को धीमा कर सकता है। यह वजन और भूंख को भी प्रभावित करता है। यदि आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है तो, शरीर में पैराथायरॉयड हार्मोन का असामान्य स्त्राव होने लगेगा।
व्यायाम-
नियमित रूप से 20 से 30 मिनट की रोजाना एक्सरसाइज से आपके हार्मोन बैलेंस हो सकते हैं। इससे स्ट्रेस का लेवल भी कम हो सकता है क्योंकि स्ट्रेस हार्मोन इस्ट्रोजेन हार्मोन को ब्लॉक कर देता है, जिससे पूरे शरीर को परेशानी भुगतनी पड़ती है। आप रोजाना स्विमिंग, जॉगिंग या योगा कर सकती हैं।
नारियल तेल-
एकस्ट्रा वर्जिन कोकोनट ऑइल प्राकृतिक रूप से हाइपोथायरायडिज्म को ठीक कर देता है। यह ब्लड शुगर लेवल, प्रतिरक्षा को बढाता है और वजन कम करता है। यह दिल के लिये बिल्कुल भी हानिकारक नहीं है। आप को हर दिन 2 से 3 चम्मच एकस्ट्रा वर्जिन कोकोनट ऑइल जरुर खाना चाहिये।
मेथी दाना-
माना जाता है कि मेथी एस्ट्रोगेनिक इफ़ेक्ट को बढावा देता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर्स भी इसे जड़ी बूटी समान मानते हैं। यह प्राकृतिक रूप से ब्रेस्ट के साइज और स्तनपान में बढावा करती है। साथ ही यह लो ब्लड शुगर और ग्लूकोज मेटाबॉल्जिम की खराबी को ठीक करती है, जिससे वजन बढता है। रोजाना एक कप गरम पानी में 1 चम्मच मेथी दाने को 15 मिनट तक के लिये भिगो कर फिर छान कर दिन में 3 बार पियें। इसके साथ में आप नींबू या शहद भी मिक्स कर सकती हैं। अगर मेथी आपको सूट न करे, तो आप सौंफ का सेवन कर सकती हैं।
तुलसी-
यह शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को स्थिर रखती है। अगर कोर्टिसोल का लेवल बढ गया तो यह थायराइड ग्रंथी, ओवरी और अग्न्याशय को प्रभावित कर सकता है। साथ ही यह हमारे मूड पर भी गहरा असर डालता है। इसे बैलेंस करने के लिये आपको कुछ महीनों तक दिन में कुछ तुलसी की पत्तियां चबानी होंगी। आप चाहें तो तुलसी को गरम पानी में उबाल कर और छान कर 3 कप दिन में पी सकती हैं।
अश्वगंधा-
यह आयुर्वेदिक जड़ी बूटी लेने से आपका सारा तनाव दूर हो जाएगा और आपकी थकान मिट जाएगी। साथ ही यह शरीर के अंदर का हार्मोन इंबैलेंस भी संतुलित कर देता है। यह टेस्टोस्टेरोन और एण्ड्रोजन हार्मोन को भी बढाता है। साथ ही यह थायराइड की गतिविधि में भी सुधार करता है। कुछ महीनो तक अश्वगंधा की 300 एमजी की मात्रा का सेवन करें। लेकिन डॉक्टर से जरुर परामर्श ले लें।
ओमेगा 3 फैटी एसिड-
ओमेगा 3 फैटी एसिड हार्मोन को बैलेंस करने में काफी ज्यादा मददगार होते हैं। यह मासिक धर्म के तेज दर्द को शांत करने तथा रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करते हैं। आपको ओमेगा 3 फैटी एसिड मछली, अलसी के बीज, अखरोट, सोया बींस, टोफू और ऑलिव ऑइल से प्राप्त हो सकता है। आप डॉक्टर से पूंछ कर ओमेगा 3 की गोलियां भी ले सकती हैं।
विटामिन डी-
विटामिन डी पिट्यूटरी ग्रंथि को प्रभावित करता है जहां पर हार्मोन की एक श्रृंखला का उत्पादन होता है। यह एस्ट्रोजन के कम स्तर के लक्षणों को धीमा कर सकता है। यह वजन और भूंख को भी प्रभावित करता है। यदि आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है तो, शरीर में पैराथायरॉयड हार्मोन का असामान्य स्त्राव होने लगेगा।
व्यायाम-
नियमित रूप से 20 से 30 मिनट की रोजाना एक्सरसाइज से आपके हार्मोन बैलेंस हो सकते हैं। इससे स्ट्रेस का लेवल भी कम हो सकता है क्योंकि स्ट्रेस हार्मोन इस्ट्रोजेन हार्मोन को ब्लॉक कर देता है, जिससे पूरे शरीर को परेशानी भुगतनी पड़ती है। आप रोजाना स्विमिंग, जॉगिंग या योगा कर सकती हैं।
नारियल तेल-
एकस्ट्रा वर्जिन कोकोनट ऑइल प्राकृतिक रूप से हाइपोथायरायडिज्म को ठीक कर देता है। यह ब्लड शुगर लेवल, प्रतिरक्षा को बढाता है और वजन कम करता है। यह दिल के लिये बिल्कुल भी हानिकारक नहीं है। आप को हर दिन 2 से 3 चम्मच एकस्ट्रा वर्जिन कोकोनट ऑइल जरुर खाना चाहिये।
मेथी दाना-
माना जाता है कि मेथी एस्ट्रोगेनिक इफ़ेक्ट को बढावा देता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर्स भी इसे जड़ी बूटी समान मानते हैं। यह प्राकृतिक रूप से ब्रेस्ट के साइज और स्तनपान में बढावा करती है। साथ ही यह लो ब्लड शुगर और ग्लूकोज मेटाबॉल्जिम की खराबी को ठीक करती है, जिससे वजन बढता है। रोजाना एक कप गरम पानी में 1 चम्मच मेथी दाने को 15 मिनट तक के लिये भिगो कर फिर छान कर दिन में 3 बार पियें। इसके साथ में आप नींबू या शहद भी मिक्स कर सकती हैं। अगर मेथी आपको सूट न करे, तो आप सौंफ का सेवन कर सकती हैं।
तुलसी-
यह शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को स्थिर रखती है। अगर कोर्टिसोल का लेवल बढ गया तो यह थायराइड ग्रंथी, ओवरी और अग्न्याशय को प्रभावित कर सकता है। साथ ही यह हमारे मूड पर भी गहरा असर डालता है। इसे बैलेंस करने के लिये आपको कुछ महीनों तक दिन में कुछ तुलसी की पत्तियां चबानी होंगी। आप चाहें तो तुलसी को गरम पानी में उबाल कर और छान कर 3 कप दिन में पी सकती हैं।
अश्वगंधा-
यह आयुर्वेदिक जड़ी बूटी लेने से आपका सारा तनाव दूर हो जाएगा और आपकी थकान मिट जाएगी। साथ ही यह शरीर के अंदर का हार्मोन इंबैलेंस भी संतुलित कर देता है। यह टेस्टोस्टेरोन और एण्ड्रोजन हार्मोन को भी बढाता है। साथ ही यह थायराइड की गतिविधि में भी सुधार करता है। कुछ महीनो तक अश्वगंधा की 300 एमजी की मात्रा का सेवन करें। लेकिन डॉक्टर से जरुर परामर्श ले लें।