महिलाओ के मोटापे के लिए जिम्मेदार है ये होर्मोँस
महिलाओ में ज्यादातर मोटापे की तकलीफ का मुख्य कारण होर्मोँस के स्त्राव की गडबडि है । ज्यादातर महिलाओ को पहली बार माँ बनने के बाद मोटापे की तकलीफ शुरू हो जाती है । इसका कारण भी ए होर्मोँस की गडबडि ही है । तो चलो देखे की महिलाओ के मोटापे के लिए कौनसे होर्मोँस जिम्मेदार है ।
कार्टिसोल हारमोन्स -
इस हारमोन्स को स्ट्रेस हारमोन भी कहा जाता है। जब किसी महिला को बहुत ज्यादा तनाव होता है तो इस हारमोन का स्तर सबसे उच्च बिंदू पर होता है। शरीर में इस हारमोन के स्त्रावित होने से मोटापा बढ़ाने वाले कारक सक्रिय हो जाते हैं।
टेस्टोस्टेरॉन हारमोन -
जो महिलाएं पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) नामक सिंड्रोम से पीडित होती हैं, उनमें इसकी मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इस कारण, चेहरे पर बाल आने लगते हैं और मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं।
एस्ट्रोजन हारमोन -
मेनोपॉज के दौरान, इस हारमोन की मात्रा शरीर में कम हो जाती है। इससे महिलाओं के पेट में टायर बनना शुरू हो जाते हैं। ये महिलाओं को मोटा कर देना वाला हारमोन होता है।
इंसुलिन हारमोन -
जिस महिला के शरीर में इंसुलिन हारमोन की अधिकता होती है, वह जल्दी वजन बढ़ा लेती हैं। इसमें हारमोन के असंतुलित से शरीर में वसा और कार्बोहाईड्रेट की अधिकता हो जाती है।
प्रोजेस्टेरॉन हारमोन -
प्रोजेस्टेरॉन हारमोन की शरीर में कमी होने पर, वसा की मात्रा नहीं बढ़ती है लेकिन शरीर, पानी को बनाएं रखने के लिए फूल जाता है जिससे महिला मोटी प्रतीत होती है। इस हारमोन के शरीर में कम होने पर ऐसी दिक्कत आ जाती है।
कार्टिसोल हारमोन्स -
इस हारमोन्स को स्ट्रेस हारमोन भी कहा जाता है। जब किसी महिला को बहुत ज्यादा तनाव होता है तो इस हारमोन का स्तर सबसे उच्च बिंदू पर होता है। शरीर में इस हारमोन के स्त्रावित होने से मोटापा बढ़ाने वाले कारक सक्रिय हो जाते हैं।
टेस्टोस्टेरॉन हारमोन -
जो महिलाएं पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) नामक सिंड्रोम से पीडित होती हैं, उनमें इसकी मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इस कारण, चेहरे पर बाल आने लगते हैं और मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं।
एस्ट्रोजन हारमोन -
मेनोपॉज के दौरान, इस हारमोन की मात्रा शरीर में कम हो जाती है। इससे महिलाओं के पेट में टायर बनना शुरू हो जाते हैं। ये महिलाओं को मोटा कर देना वाला हारमोन होता है।
इंसुलिन हारमोन -
जिस महिला के शरीर में इंसुलिन हारमोन की अधिकता होती है, वह जल्दी वजन बढ़ा लेती हैं। इसमें हारमोन के असंतुलित से शरीर में वसा और कार्बोहाईड्रेट की अधिकता हो जाती है।
प्रोजेस्टेरॉन हारमोन -
प्रोजेस्टेरॉन हारमोन की शरीर में कमी होने पर, वसा की मात्रा नहीं बढ़ती है लेकिन शरीर, पानी को बनाएं रखने के लिए फूल जाता है जिससे महिला मोटी प्रतीत होती है। इस हारमोन के शरीर में कम होने पर ऐसी दिक्कत आ जाती है।